-आहट—
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सुदूरवर्ती चन्द्रलोक से
चन्द्रोदय का आहट
मेरे भविष्य सा
शांत क्यों है?
पुस्तकों से निकलकर
अंकों,अक्षरों के शब्दों का
मेरा भविष्य
लगाकर मैराथन दौड़
हो जाता क्लांत क्यों है?
पुराने शब्द नये अर्थ का
आहट लेकर
किसी बंदूक से अब निकलेगा।
हत्या तो मेरा ही करेगा।
हत्या होने के लिए ही तो
मेरा जन्म,
जन्म-जन्मान्तरों से होता रहा है।
वन मेरे वंश का पहचान है।
गुफाएँ किले।
माटी के भीत और पत्तों के छप्पर पर
बरसात का आहट
बच्चों को भी करता है आहत।
बच्चे,जिन्हें आहत का अर्थ नहीं पता।
अत: गुफाओं के लिए
छिड़ता है युद्ध
ह्रिंस पशु और मेरे मध्य।
युद्ध और मृत्यु ही वनों का जीवन है।
वन में हर क्षण मौत का आहट है
मेरे या उसके।
पड़ाव जहाँ हो
गर्म सर्दियों में
और
सर्द गर्मियों में
वहाँ आह्लाद का आहट है
चलो चलें वहाँ।
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