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21 Jul 2023 · 1 min read

#आस

✍️

★ #आस ★

सकल गति बांधता
मनुज मनुज रांधता
वुहानव चला वुहान से
आज फिर धुआं उठा
उसी भुतहा मकान से
सिर कटाने के शौक में
थ्येनमिन के चौक में
टैंक समक्ष कौन खड़ा
आत्मा सब मर चुकीं
मोलभाव पर अड़ा
धरती अकुला रही
बधिरों को बुला रही
यह मुर्दों की बस्तियां
मरा-मरा न कह सके
रीढ़हीन जीव यहां
धधकेगी चहुंओर आग
मैं अलादीन का चिराग
दंभ बहुत महारोग के हास में
ठिठक गईं दिशाएं जब
तभी किलकारी गूंजी पास मेंं
आस खिली प्यास में . . . !

#वेदप्रकाश लाम्बा
यमुनानगर (हरियाणा)
९४६६०-१७३१२

Language: Hindi
221 Views
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