आस
विधा-छंदमुक्त
विषय- आस
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जीवन में कभी हिम्मत न हारो,
कामयाब होगे—
आस का दीप मत बुझाओ,
बिखरे हों जीवन के रंग
पतझड़ के आने से साहस मत हारो।
एक आस से ही मानव है जीता,
जिंदगी में चमत्कार है होते–
आस में ही मानुष पूरा जीवन बिता देता—-
यूं ही चलती है जिंदगी,
एक आस के सहारे!
कामयाबी मिलेगी पथ में—
पथिक आगे पथ पे बढ़,
कभी साहस न हारें!!!
इस आस के सहारे—-
सुषमा सिंह *उर्मि,,