Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Oct 2016 · 1 min read

आस का ,अभिलाष का ,विश्वास का हो:: जितेंद्रकमलआनंद ( पोस्ट४९) मुक्तक

मुक्तक ::

आस का , अभिलाष का , विश्वास का हो ।
पल्लवित वट — वृक्ष अब मधुमास का हो ।
बैठ जिसकी छॉव में जीवन सँवारें ।
हम सभी को प्रत्येक पल उल्लास का हो ।।४९,!!

— जितेंद्रकमल आनंद

Language: Hindi
309 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
आपकी सादगी ही आपको सुंदर बनाती है...!
आपकी सादगी ही आपको सुंदर बनाती है...!
Aarti sirsat
2448.पूर्णिका
2448.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
दो शे'र
दो शे'र
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
खोया हुआ वक़्त
खोया हुआ वक़्त
Sidhartha Mishra
भाव  पौध  जब मन में उपजे,  शब्द पिटारा  मिल जाए।
भाव पौध जब मन में उपजे, शब्द पिटारा मिल जाए।
शिल्पी सिंह बघेल
बेवजह यूं ही
बेवजह यूं ही
Surinder blackpen
आज के रिश्ते
आज के रिश्ते
पूर्वार्थ
■ आज का शेर-
■ आज का शेर-
*Author प्रणय प्रभात*
"यह कैसा नशा?"
Dr. Kishan tandon kranti
मेरी साँसों में उतर कर सनम तुम से हम तक आओ।
मेरी साँसों में उतर कर सनम तुम से हम तक आओ।
Neelam Sharma
Dr arun kumar शास्त्री
Dr arun kumar शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
श्याम-राधा घनाक्षरी
श्याम-राधा घनाक्षरी
Suryakant Dwivedi
मी ठू ( मैं हूँ ना )
मी ठू ( मैं हूँ ना )
Mahender Singh
काश असल पहचान सबको अपनी मालूम होती,
काश असल पहचान सबको अपनी मालूम होती,
manjula chauhan
उगते विचार.........
उगते विचार.........
विमला महरिया मौज
आयी ऋतु बसंत की
आयी ऋतु बसंत की
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
यदि केवल बातों से वास्ता होता तो
यदि केवल बातों से वास्ता होता तो
Keshav kishor Kumar
मैं तो महज इतिहास हूँ
मैं तो महज इतिहास हूँ
VINOD CHAUHAN
दुनिया कैसी है मैं अच्छे से जानता हूं
दुनिया कैसी है मैं अच्छे से जानता हूं
Ranjeet kumar patre
लौट कर रास्ते भी
लौट कर रास्ते भी
Dr fauzia Naseem shad
राम : लघुकथा
राम : लघुकथा
ज्ञानीचोर ज्ञानीचोर
मोहब्बत के शरबत के रंग को देख कर
मोहब्बत के शरबत के रंग को देख कर
Shakil Alam
"बन्दगी" हिंदी ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
संविधान से, ये देश चलता,
संविधान से, ये देश चलता,
SPK Sachin Lodhi
*चैत : 13 दोहे*
*चैत : 13 दोहे*
Ravi Prakash
अब न वो आहें बची हैं ।
अब न वो आहें बची हैं ।
Arvind trivedi
सुनो . . जाना
सुनो . . जाना
shabina. Naaz
हमसफ़र
हमसफ़र
अखिलेश 'अखिल'
2) “काग़ज़ की कश्ती”
2) “काग़ज़ की कश्ती”
Sapna Arora
ड्यूटी
ड्यूटी
Dr. Pradeep Kumar Sharma
Loading...