आसरा
तू गर दे दे अपना आसरा तो ,
मैं किसी और का दामन क्यों थामूं ।
तेरे ही प्यार की दरकार है मुझे ए खुदा !
मैं तो तेरे आगे ही झोली अपनी फैलाऊं।
तू गर दे दे अपना आसरा तो ,
मैं किसी और का दामन क्यों थामूं ।
तेरे ही प्यार की दरकार है मुझे ए खुदा !
मैं तो तेरे आगे ही झोली अपनी फैलाऊं।