अदब नवाबी शरीफ हैं वो।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
24/240. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
जीवन जीने का ढंग - रविकेश झा
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
धर्मांध
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
हुई पावन मेरी कुटिया, पधारे राम रघुराई।
मेरा दिल अंदर तक सहम गया..!!
वो भी थी क्या मजे की ज़िंदगी, जो सफ़र में गुजर चले,
सच कहना जूठ कहने से थोड़ा मुश्किल होता है, क्योंकि इसे कहने म
'सफलता' वह मुकाम है, जहाँ अपने गुनाहगारों को भी गले लगाने से
सम्मान तुम्हारा बढ़ जाता श्री राम चरण में झुक जाते।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"