आसमान का साया
आसमान हो
सूरज का या
बिना सूरज का
चांद का या
बिना चांद का
सितारों का या
बिना सितारों का
बादलों का या
बिना बादलों का
बारिश का या
बिना बारिश का
घटाओं का या
बिना घटाओं का
बिजलियों का या
बिना बिजलियों का
परिन्दों का या
बिना परिन्दों का
पतंगों का या
बिना पतंगों का
रंगों या
बिना रंगों का
इन्द्रधनुष या
बिना इन्द्रधनुष का
प्रकाश या
बिना प्रकाश का
अंधेरे या
बिना अंधेरे का
आसमान का स्वरूप कैसा भी
हो
मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता
आसमान का साया बस
ढकता रहे मेरे घर की
छत को
बना रहे
सदैव मेरा प्रहरी
मेरा रक्षक
मेरे दिल का मेहमान
मेरे से जुड़ा रहे
अपना प्यार का आंचल
फैला
मुझे खुद से बांधे रखे
बस
इससे ज्यादा
मुझे कुछ और उससे नहीं
चाहिए।
मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001