मेरी जिंदगी में मेरा किरदार बस इतना ही था कि कुछ अच्छा कर सकूँ
A piece of land can make a person the straw of everyone's ey
असूयैकपदं मृत्युरतिवादः श्रियो वधः।
इन काली रातों से इक गहरा ताल्लुक है मेरा,
दिन सुहाने थे बचपन के पीछे छोड़ आए
हाँ, मुझको तुमसे इतना प्यार है
तूझे क़ैद कर रखूं मेरा ऐसा चाहत नहीं है
वक्त ए रूखसती पर उसने पीछे मुड़ के देखा था
गांव गली के कीचड़, मिट्टी, बालू, पानी, धूल के।
परदेसी की याद में, प्रीति निहारे द्वार ।
जितने श्री राम हमारे हैं उतने श्री राम तुम्हारे हैं।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
*श्रग्विणी/ श्रृंगारिणी/लक्ष्मीधरा/कामिनी मोहन* -- (द्वादशाक
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
ये शिकवे भी तो, मुक़द्दर वाले हीं कर पाते हैं,
*जीवन में तुकबंदी का महत्व (हास्य व्यंग्य)*
विष का कलश लिये धन्वन्तरि