आसमाँ मेें तारे, कितने हैं प्यारे
आसमाँ मेें तारे, कितने हैं प्यारे
तेरी याद आती समंदर किनारे
लिखता हूँ जब-जब
तेरा-मेरा नाम रेत पर
लहरें मेें घुल , मिल जाते सपने हमारे
नैनों से पानी झलकता हैं तब-तब
मर ही जाते हैं अरमान सारे !
The_dk_poetry
आसमाँ मेें तारे, कितने हैं प्यारे
तेरी याद आती समंदर किनारे
लिखता हूँ जब-जब
तेरा-मेरा नाम रेत पर
लहरें मेें घुल , मिल जाते सपने हमारे
नैनों से पानी झलकता हैं तब-तब
मर ही जाते हैं अरमान सारे !
The_dk_poetry