1-अश्म पर यह तेरा नाम मैंने लिखा2- अश्म पर मेरा यह नाम तुमने लिखा (दो गीत) राधिका उवाच एवं कृष्ण उवाच
1- राधिका उवाच
अश्म पर यह तेरा नाम मैंने लिखा
आगे सुंदर प्रिया रक्त से लिख दिया
खगकुलों का सुकलरव महानाद है
प्रीति -रस का मनोहर सुखद स्वाद
मन हरण भाव लेकिन न उन्माद है
गुदगुदाया जी उत्कर्ष की गह शिखा
अश्म पर यह तेरा नाम मैने लिखा
आप सचमुच हुए कीर्ति सद्प्रेम की
दिव्य अनुपम मिलन औ कुशल क्षेम पी
ज्ञानी आधार सह सुख-किरण सोम-सी
इस कहानी का नायक हमारा सखा
अश्म पर यह तेरा नाम मैने लिखा
ध्यान गह देखिए पुष्प की लालिमा
कह रही प्रीति-रस में नहीं कालिमा
नायिका है कोई आपके उर वशी
नाम उसका ही आगे लिखो प्रिय सखा
अश्म पर यह तेरा नाम मैने लिखा
आगे सुंदर प्रिया रक्त से लिख दिया
2– कृष्ण उवाच
अश्म पर मेरा यह नाम तुमने लिखा
आगे सुंदर प्रिया रक्त से लिख दिया
मेरे भीतर सदा आपका रास है
राधा राधा कहे आज हर श्वास है
दिव्य-अनुपम मिलन का मृदुल वास है
सद हृदय में सदा प्रीति-दीपक दिखा
अश्म पर यह मेरा नाम तुमने लिखा
देखो गाती प्रकृति प्रीति का पर्व हम
आयु सद्भाव की कहती है जीत हम
प्रेमी उत्कर्ष की बन गए रीति हम
जी ने भी दिव्यतम प्यार रस को चखा
अश्म पर मेरा यह नाम तुमने लिखा
तेरे आभास में श्याम अनुप्रास है
ज्ञानमय प्रीति पंथों से मल-नाश है
रोती है हार, उर जीत की भाष है
मैने सुंदर प्रिया अग्र राधा लिखा
अश्म पर मेरा यह नाम तुमने लिखा
आगे सुंदर प्रिया रक्त से लिख दिया
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“क्रौंच सुऋषि आलोक” कृति के दो गीत
“क्रौंच सुऋषि आलोक” कृति प्रकाशित होने का वर्ष -2016
08-05-2017
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“क्रौच सु ऋषि आलोक” कृति का द्वितीय संस्करण नए कवर एवं नए आई एस बी एन के साथ वर्ष 2018 में “साहित्यपीडिया पब्लिसिंग” से प्रकाशित है| जो सम्पूर्ण विश्व में अमेजोन पर उपलब्ध है. “क्रौंच सु ऋषि आलोक” कृति फ्लिपकार्ट से भी क्रय की जा सकती है.
Pt. Brajesh Kumar Nayak
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