आशा का दीप
#आशा का दीप
छाया हुआ है अंधेरा जीवन में,
आकर तुम प्रिय दीप जला दो,
जमाने के रिवाजों में उलझे है,
आकर जमाने को सुलझा दो,
जीवन रस्ता दिखे मुश्किल सारा,
विरान रात लगे विरान सवेरा,
मेरे लिए जलाओ एक दीप प्यारा,
आकर सुलझा दो जीवन मेरा,
इंतजार में जान जाने को है,
थक गई आँखें आस विश्राम को है,
तुझे आशा के दीप जलाना हैं,
निरंतर इंतजार को विराम देना है,
वो पहली मुस्कुराहट वापस दे दो,
जागी आँखों को तुम सुला दो,
निरागस जीवन में फूल खिला दो,
आप आशा का एक दीप जला दो,
स्वरचित मौलिक अप्रकाशित
कृष्णा वाघमारे, जालना, महाराष्ट्र.