आवाज दिल की
कल धीरे थी
आज तेज हो गयी
रफ्तार जिन्दगी की
मालगाड़ी से हवाई जहाज हो गयी ।
कल जमी पे थी
आज हवा मे हो गयी
ख्वाहिश चंचल मन की
सपनो से निकल हकीकत हो गयी ।
कल जो अंधेरी रात थी
आज सुनहरी किरण हो गयी
याद मनहूस दिनो की
वर्तमान से डर अतीत हो गयी ।
कल जो बात दबी थी
आज वो आम हो गयी
आवाज उसके दिल की
होठों की नही आंखों की जुबान हो गयी ।।
राज विग 17 .11.2018.