आवाजों की गूंज
खामोश हूं मैं पर
मुझे आवाजों की गूंज सुनाई पड़ रही है
तेरा साया
मेरे करीब से गुजरता हुआ फिर
मुझे छोड़कर कहीं दूर जाता हुआ
आहिस्ता आहिस्ता खामोश होता जाता है
उसकी आवाज तो हमेशा के लिए
खो जाती है
कभी न फिर सुनाई पड़ने के लिए।
मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001