Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Apr 2021 · 1 min read

आलस्य ही आलस्य

आलस्य ही आलस्य हैं भाई आलस्य ही आलस्य।
जिधर देखो उधर आलस्य का माहौल है।
लोगों का जीवनकाल कम है करती ये आलस्य।
जीवन से संघर्ष दूर हटाती है ये आलस्य।
लोगों के विकास में बाधा हैं ये आलस्य।
आज का काम कल पे डाले ये आलस्य।
दरिद्रता का माहौल है बनाती ये आलस्य।
कितनो के विनाश का कारण बनती हैं आलस्य।
बेरोजगारों की संख्या बढ़ाती हैं ये आलस्य।
बिना काम काज के फल चाहती ये आलस्य।
बड़ी बड़ी बाते बस करना सिखाती ये आलस्य।
जीवन के लक्ष्य से मन भटकाती ये आलस्य।
मन में विद्रोह की भावना लाती हैं ये आलस्य।
साफ मन गन्दा बनाती हैं ये आलस्य।
मनुष्य कल्याण को पूरा ना होने देती ये आलस्य।
देखते में ही जिंदगी बर्बाद कर देती ये आलस्य।
कल करने का बहाना बनाती हैं ये आलस्य।
अंत में लोगों से मजदूरी कराती हैं ये आलस्य।
लोगों के उदासी का प्रतीक हैं ये आलस्य।
विश्व विकास में डालें बाधा ये आलस्य।
मन में पाप की भावना लाता हैं ये आलस्य।।

Language: Hindi
286 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

“जगत जननी: नारी”
“जगत जननी: नारी”
Swara Kumari arya
फिर भी गुनगुनाता हूं
फिर भी गुनगुनाता हूं
Kaviraag
सोच का अंतर
सोच का अंतर
मधुसूदन गौतम
किसी से भी कोई मतलब नहीं ना कोई वास्ता…….
किसी से भी कोई मतलब नहीं ना कोई वास्ता…….
shabina. Naaz
ग़ज़ल’ की प्रतिक्रिया में ‘तेवरी’ + डॉ. परमलाल गुप्त
ग़ज़ल’ की प्रतिक्रिया में ‘तेवरी’ + डॉ. परमलाल गुप्त
कवि रमेशराज
🙏
🙏
DIVANSHI SHARMA
गिल्ट
गिल्ट
आकांक्षा राय
हे आदिशक्ति, हे देव माता, तुम्हीं से जग है जगत तुम्ही हो।।
हे आदिशक्ति, हे देव माता, तुम्हीं से जग है जगत तुम्ही हो।।
Abhishek Soni
शेखर सिंह
शेखर सिंह
शेखर सिंह
हम तुम एक डाल के पंछी ~ शंकरलाल द्विवेदी
हम तुम एक डाल के पंछी ~ शंकरलाल द्विवेदी
Shankar lal Dwivedi (1941-81)
मदिरा सवैया
मदिरा सवैया
Rambali Mishra
काहे का अभिमान
काहे का अभिमान
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
मेरी मौजूदगी बस हमारी सांसों तक है।
मेरी मौजूदगी बस हमारी सांसों तक है।
Rj Anand Prajapati
ग़ज़ल(इश्क में घुल गयी वो ,डली ज़िन्दगी --)
ग़ज़ल(इश्क में घुल गयी वो ,डली ज़िन्दगी --)
डॉक्टर रागिनी
फिर मुलाकात करेंगे ज़िंदगी से,
फिर मुलाकात करेंगे ज़िंदगी से,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
चली आना
चली आना
Shekhar Chandra Mitra
अगर मेरे अस्तित्व को कविता का नाम दूँ,  तो इस कविता के भावार
अगर मेरे अस्तित्व को कविता का नाम दूँ, तो इस कविता के भावार
Chaahat
मां को नहीं देखा
मां को नहीं देखा
Suryakant Dwivedi
जन्म से मरन तक का सफर
जन्म से मरन तक का सफर
Vandna Thakur
चाय दिवस
चाय दिवस
Dr Archana Gupta
*अज्ञानी की कलम*
*अज्ञानी की कलम*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
खुद का साथ
खुद का साथ
Vivek Pandey
जय श्रीराम हो-जय श्रीराम हो।
जय श्रीराम हो-जय श्रीराम हो।
manjula chauhan
कुछ करा जाये
कुछ करा जाये
Dr. Rajeev Jain
23/58.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/58.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
..
..
*प्रणय*
"सदाकत ए जहां"
ओसमणी साहू 'ओश'
कामनाओं का चक्र व्यूह
कामनाओं का चक्र व्यूह
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
मतवाला
मतवाला
Deepesh Dwivedi
बड़े परिवर्तन तुरंत नहीं हो सकते, लेकिन प्रयास से कठिन भी आस
बड़े परिवर्तन तुरंत नहीं हो सकते, लेकिन प्रयास से कठिन भी आस
ललकार भारद्वाज
Loading...