आलस्य भरा जीवन !
आलस्य जीवन में,
दुश्वार करता है जीवन जीना,
हो जाती है मक्कारी की आदत,
बर्बाद करता है समय,
बाधक बनता है विकास की राह में,
शरीर भी हो जाता है सुस्त,
स्वास्थ्य को करता है खराब,
बीमारियों को देता है निमंत्रण,
विद्यार्थी होते हैं ज्ञान से दूर,
व्यापारी का होता व्यापार में घाटा,
बनते हुए काम रह जाते हैं रुके,
आलस्य में रहते हैं बिस्तर पर जो पड़े,
निकम्मा आलसी सुस्त मक्कार कामचोर,
भिन्न-भिन्न तरह से पुकारते हैं जन ,
पिछड़ने का बन जाता है वजह,
हारने का कारण भी होता है आलस्य,
आलस्य एक सजा सी होती है,
आलस्य से भरा जीवन ,
जीवन को खफ़ा कर देती है ।
✍? बुद्ध प्रकाश
मौदहा हमीरपुर ।