Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Feb 2024 · 1 min read

आलस्य एक ऐसी सर्द हवा जो व्यक्ति के जीवन को कुछ पल के लिए रा

आलस्य एक ऐसी सर्द हवा जो व्यक्ति के जीवन को कुछ पल के लिए राहत देकर उसकी ज़िन्दगी को बेमुकाम कर देता है।
Rj Anand Prajapati

168 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
प्यार जताना नहीं आता मुझे
प्यार जताना नहीं आता मुझे
MEENU SHARMA
3244.*पूर्णिका*
3244.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
रात अंजान है
रात अंजान है
Dr. Rajeev Jain
भूख 🙏
भूख 🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
**हाल मेरे देश का मंदा है दोस्तों**
**हाल मेरे देश का मंदा है दोस्तों**
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
जुगनू तेरी यादों की मैं रोशनी सी लाता हूं,
जुगनू तेरी यादों की मैं रोशनी सी लाता हूं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
" रेत "
Dr. Kishan tandon kranti
गीत- हृदय को चैन आता है...
गीत- हृदय को चैन आता है...
आर.एस. 'प्रीतम'
होली
होली
Madhu Shah
प्रयास
प्रयास
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
रंजिशें
रंजिशें
AJAY AMITABH SUMAN
*आठ माह की अद्वी प्यारी (बाल कविता)*
*आठ माह की अद्वी प्यारी (बाल कविता)*
Ravi Prakash
😊 आज का शेर-
😊 आज का शेर-
*प्रणय*
*जख्मी मुस्कुराहटें*
*जख्मी मुस्कुराहटें*
Krishna Manshi
बचा लो तिरंगा
बचा लो तिरंगा
Dr.Pratibha Prakash
सुनती हूँ
सुनती हूँ
Shweta Soni
हिन्दी दोहा-पत्नी
हिन्दी दोहा-पत्नी
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
तेरा मेरा साथ
तेरा मेरा साथ
Pratibha Pandey
यौवन रुत में नैन जब, करें वार पर  वार ।
यौवन रुत में नैन जब, करें वार पर वार ।
sushil sarna
जीवन रथ के दो पहिए हैं, एक की शान तुम्हीं तो हो।
जीवन रथ के दो पहिए हैं, एक की शान तुम्हीं तो हो।
सत्य कुमार प्रेमी
जा रहा है
जा रहा है
Mahendra Narayan
व्यक्ति महिला को सब कुछ देने को तैयार है
व्यक्ति महिला को सब कुछ देने को तैयार है
शेखर सिंह
'सर्वे नागा: प्रीयन्तां मे ये केचित् पृथ्वीतले। ये च हेलिमरी
'सर्वे नागा: प्रीयन्तां मे ये केचित् पृथ्वीतले। ये च हेलिमरी
Shashi kala vyas
“कवि की कविता”
“कवि की कविता”
DrLakshman Jha Parimal
मन   पायेगा   कब   विश्रांति।
मन पायेगा कब विश्रांति।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
तेरे संग एक प्याला चाय की जुस्तजू रखता था
तेरे संग एक प्याला चाय की जुस्तजू रखता था
VINOD CHAUHAN
राह नहीं मंजिल नहीं बस अनजाना सफर है
राह नहीं मंजिल नहीं बस अनजाना सफर है
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी "
हास्य व्यंग्य
हास्य व्यंग्य
प्रीतम श्रावस्तवी
मोबाइल फोन
मोबाइल फोन
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
हक़ीक़त ये अपनी जगह है
हक़ीक़त ये अपनी जगह है
Dr fauzia Naseem shad
Loading...