“आलम-ए-बेख़ुदी “
ला-मुहाला, किसी मेँ खो गया, वजूद मिरा,
बढ़ गया, यकबयक था, शोहरते-हुदूद मिरा।
बराहे-ज़ीस्त थी, आमद-ए-महज़बीं ऐसी,
मिटा हो,अज़्म-ए-अफ़्सुर्दे-पुरख़ुलूस मिरा।
जोड़ हाथों को ही मिलते हैं, लोग दूरी से,
जाने क्या बात है, चेहरा हुआ मशहूर मिरा।
अब भी मिलता है चरागर, लबे-तबस्सुम क्यूँ,
इल्म क्या उसको, क्यूँ बढ़ता है ये सुरूर मिरा।
कम ही मिलता हूँ दोस्तों से भी,चुप रहता हूँ,
क्या से क्या हो गया है, रस्म-ओ-दस्तूर मिरा।
अपना अहवाल-ए-दिल, क्या बयाँ करूँ उससे,
उसी को देख के, तो दिल हुआ मसरूर मिरा।
क्या ख़बर मुझको, नज़ारा-ए-हसीँ-ए-कुदरत,
उसकी तस्वीर मेँ ही, दिल हुआ महसूर मिरा।
आज यकबारगी, जो ख़्वाबे-नमूदा था वो,
लगा कि दिल हुआ,धड़कन से ही महरूम मिरा।
मिरी ख़्वाहिश है, कुछ दीनो-दहर पे भी लिक्खूँ,
उसकी यादों मेँ, तसव्वर है क्यूँ, मसरूफ़ मिरा।
अशार यूँ तो कुछ, अच्छे भी लिखे थे मैंने,
हुआ न था कभी, क्यूँकर कोई मशकूर मिरा।
कब हुई शब,कहाँ सहर,न होश कुछ “आशा”,
बलन्द, आशिक़ों मेँ हो गया, रसूख़ मिरा..!
ला-मुहाला # आसानी से,easily
शोहरते-हुदूद # प्रसिद्धि का दायरा,limits of popularity
बराहे-ज़ीस्त # जीवन पथ पर,on the path of life
अज़्म-ए-अफ़्सुर्दे-पुरख़ुलूस # अन्धकार का साम्राज्य, realm of darkness
चरागर # वैद्य, healer
लबे-तबस्सुम # होठों पर मुस्कान(के साथ) with smile on lips
सुरूर # नशा, intoxication
अहवाल-ए-दिल # दिल के हालात,state of affairs of heart
मसरूर # आनँदित, cheerful
महसूर # घिरा हुआ, surrounding
ख़्वाबे-नमूदा # स्वप्न में प्रकट होना,to appear in dream
महरूम # वँचित होना,to be devoid of
दीनो-दहर # लोक-परलोक की बातें,worldly and religious affairs
मसरूफ़ # व्यस्त,busy
मशकूर # आभारी, grateful
रचयिता-
Dr.Asha Kumar Rastogi
M.D.(Medicine),DTCD
Ex.Senior Consultant Physician,district hospital, Moradabad.
Presently working as Consultant Physician and Cardiologist,sri Dwarika hospital,near sbi Muhamdi,dist Lakhimpur kheri U.P. 262804 M 9415559964
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