आराम, सुकून
विषय-आराम, सुकून
श्रम को पूँजी मान कर, नित्य करें जो काम।
तजें सदा आराम को, मिलें सफल परिणाम।।
महँगाई की मार ने, छीना चैन-सुकून।
सत्ता के हाथों हुआ,अरमानों का खून।।
डॉ. रजनी अग्रवाल “वाग्देवी रत्ना”
वाराणसी (उ. प्र.)
विषय-आराम, सुकून
श्रम को पूँजी मान कर, नित्य करें जो काम।
तजें सदा आराम को, मिलें सफल परिणाम।।
महँगाई की मार ने, छीना चैन-सुकून।
सत्ता के हाथों हुआ,अरमानों का खून।।
डॉ. रजनी अग्रवाल “वाग्देवी रत्ना”
वाराणसी (उ. प्र.)