अभिमान करे काया का , काया काँच समान।
जीवन
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
ठोकरें आज भी मुझे खुद ढूंढ लेती हैं
मेरे दिल की हर इक वो खुशी बन गई
नैन अपने यूँ ही न खोये है ।
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
भक्त मार्ग और ज्ञान मार्ग
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
न जाने कौन रह गया भीगने से शहर में,
रूप मधुर ऋतुराज का, अंग माधवी - गंध।
*** चंद्रयान-३ : चांद की सतह पर....! ***
काम और भी है, जिंदगी में बहुत
जो छूट गया तुम्हारा साथ जीवन के किसी मोड़ पर..
मां तौ मां हैं 💓
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
जीवन की रंगत: सुख और दुख का संगम
कोई मेरे दिल में उतर के तो देखे...
singh kunwar sarvendra vikram