आरजूं दिल कि
तरही गज़ल
2122 1212 22
फैसला है यहीं दीवाने का l
शहर से गाँव लौट आने का ll
सामने है चुनाव फ़िर कोई l
बख्त जागा गरीबखाने का ll
साजिशे रच रहा है इंसाँ भी l
अब खुदी को खुदा बनाने का ll
उम्रे रफ्ता न याद कर ऐ दिल l
वक्त है हँसने मुस्कुराने का ll
जब भी ऐ दिल उदास हो जायें l
वक्त है समझो गीत गाने का ll
मुश्किलों पे भी हँसके जी लेंगे l
साथ हो गर मेरे दीवाने का ll
आरजूं दिल कि बस यहीं यारों l
मिलके सबसे गले लगाने का ll
✍दुष्यंत कुमार पटेल’ चित्रांश ‘
उम्रे रफ्ता – गुजरी ज़िंदगी
आरजूं – तमन्ना चाहत
बख्त – किस्मत