आरक्षण
आरक्षण का विरोध किया,
तो मिली हमे आलोचना।
हमने पूछा क्या हो तुम,
ये खुद ही करो विवेचना।।1।।
सभी मनुष्य सामान्य है,
न कोई बड़ा न छोटा है।
गीता में भी लिखा यही है,
जो होता अच्छे हेतु होता है।।2।।
जब ऊंच नीच से ऊपर उठ कर,
तुम अपना विवेक जगाओगे।
राष्ट्रपिता की थी जो इच्छा ,
तब तुम सार्थक उसे बनाओगे।।3।।
हम सब मिलकर आगे आएं,
सभी करें सबका सम्मान।
इसी सोच के बलबूते पर,
भारत देश बनेगा महान्।।4।।
स्वरचित कविता
तरुण सिंह पवार