आरक्षण
आरक्षण
माँ बच्चों में भेद करेगी समुचित पोषण कैसे होगा…
सबसे सम व्यवहार ना होगा इकरस तोषण कैसे होगा…
राष्ट्र सभी को है एक जैसा कौम भेद स्वीकार नहीं है…
प्रतिभा कुंठित करने वाला आरक्षण स्वीकार नहीं है…
आजादी के लिए लड़े थे क्या कोई वर्ग भेद था दिल में…
जलियाँ में जब गोली दागी क्या कोई भेद किया कातिल ने…
सीने छ्लनी हम सबके थे धर्म जाति का भेद नहीं था,
बस वोट की ख़ातिर यूं बाँट जाना हमको अंगीकार नहीं है…
प्रतिभा कुंठित करने वाला आरक्षण स्वीकार नहीं है…
तिलका मांझी, चेतराम जाटव, बल्लू मेहतर संग खड़े थे…
झलकारी या ऊषा पाशी अंग्रेज़ो से सभी लड़े थे
राणी मीरा ने तो गुरु रैदास से दीक्षा ली थी,
जाँत पाँत जहर फैलाना ये अच्छा व्यवहार नहीं है…
प्रतिभा कुंठित करने वाला आरक्षण स्वीकार नहीं है…
बिना योग्यता बने डॉक्टर सोचो तन का फिर क्या होगा…
योग्य विद्वता वंचित होगी सोचो मन का फिर क्या होगा…
आरक्षण इसरो में कर दो गगन यान का फिर क्या होगा…
वैज्ञानिक शोधार्थी शिक्षक यदि जाति धर्म के फेर में उलझे,
राष्ट्र डूब जाएगा निश्चित समझो बस मझधार यही है…
प्रतिभा कुंठित करने वाला आरक्षण स्वीकार नहीं है…
भारतेंद्र शर्मा “भारत”
धौलपुर