Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Dec 2020 · 1 min read

आरक्षण

तेजोमय प्रतिभावान दीन का, यथोचित स्थान का आभाव हुआ,
तत्क्षण निज वतन में, आरक्षण का पूर्णरूपेण प्रादुर्भाव हुआ,
आरक्षण की आड़ में जब, लाभार्थियों का कुटिल स्वभाव हुआ,
आरक्षण अभिशाप बन गया, निरा आरक्षण का दुष्प्रभाव हुआ।

आरक्षण से अनुचित लाभान्वित होते, मिलता जब इनको सम्मान,
अनैतिक कुटिल स्वभाव परिपूर्ण, करते जनता का अपमान,
अज्ञानी अल्पज्ञानी निस्तेज, छद्म कुटिलता इनकी पहचान,
निज व्यवस्था पर पकड़ नहीं, उत्तरदायित्वों से होते अज्ञान।

आरक्षण वरदान बने, निर्धन प्रतिभाशाली को मिले उचित स्थान,
आरक्षण अभिशाप बने जब, प्रतिभावान को मात्र मिले अपमान।

?? मधुकर ??

(स्वरचित रचना, सर्वाधिकार©® सुरक्षित)
अनिल प्रसाद सिन्हा ‘मधुकर’
ट्यूब्स कॉलोनी बारीडीह,
जमशेदपुर, झारखण्ड।

Language: Hindi
2 Likes · 3 Comments · 295 Views

You may also like these posts

*इस बरस*
*इस बरस*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
4819.*पूर्णिका*
4819.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
पग-पग पर हैं वर्जनाएँ....
पग-पग पर हैं वर्जनाएँ....
डॉ.सीमा अग्रवाल
संसार चलाने में
संसार चलाने में
Ankita Patel
मजा मुस्कुराने का लेते वही...
मजा मुस्कुराने का लेते वही...
Sunil Suman
लेखाबंदी
लेखाबंदी
Deepali Kalra
पद्मावती पिक्चर के बहाने
पद्मावती पिक्चर के बहाने
Manju Singh
तुम जिसे झूठ मेरा कहते हो
तुम जिसे झूठ मेरा कहते हो
Shweta Soni
रूठना तो हमे भी आता हैं..लेकिन मनाने कहा कोई आता हैं..
रूठना तो हमे भी आता हैं..लेकिन मनाने कहा कोई आता हैं..
Swara Kumari arya
वृद्धाश्रम
वृद्धाश्रम
Shyam Vashishtha 'शाहिद'
मैं मोहब्बत हूं
मैं मोहब्बत हूं
Ritu Asooja
बलिदानियों की ज्योति पर जाकर चढ़ाऊँ फूल मैं।
बलिदानियों की ज्योति पर जाकर चढ़ाऊँ फूल मैं।
जगदीश शर्मा सहज
जो सुनना चाहता है
जो सुनना चाहता है
Yogendra Chaturwedi
तुम सहारा बनकर आओगे क्या?
तुम सहारा बनकर आओगे क्या?
Jyoti Roshni
गंतव्य में पीछे मुड़े, अब हमें स्वीकार नहीं
गंतव्य में पीछे मुड़े, अब हमें स्वीकार नहीं
Er.Navaneet R Shandily
सत्संग
सत्संग
पूर्वार्थ
सावन का ,
सावन का ,
Rajesh vyas
शीर्षक :मैंने हर मंज़र देखा है
शीर्षक :मैंने हर मंज़र देखा है
Harminder Kaur
कोई तो है जो मुझे झरोखे से झांकता है,
कोई तो है जो मुझे झरोखे से झांकता है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
"यही दुनिया है"
Dr. Kishan tandon kranti
मेरे जैसे तमाम
मेरे जैसे तमाम "fools" को "अप्रैल फूल" मुबारक।
*प्रणय*
गौमाता मेरी माता
गौमाता मेरी माता
Sudhir srivastava
लक्ष्मी-पूजन
लक्ष्मी-पूजन
कवि रमेशराज
sp51 युग के हर दौर में
sp51 युग के हर दौर में
Manoj Shrivastava
स्टेटस बड़ी चीज़ है
स्टेटस बड़ी चीज़ है
Chitra Bisht
प्राकृतिक सौंदर्य
प्राकृतिक सौंदर्य
Rahul Singh
शब्द
शब्द
Mamta Rani
नैनीताल ही हवा ताजी नहीं जहरीली है !!!!
नैनीताल ही हवा ताजी नहीं जहरीली है !!!!
Rakshita Bora
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Meenakshi Madhur
*पत्रिका समीक्षा*
*पत्रिका समीक्षा*
Ravi Prakash
Loading...