आये हो तुम मेरे अंगना
आये हो तुम मेरे अंगना,
मेरी कुटिया मे तुम यूँ पधारो,
कोटि कोटि नमन करू मै,
दर्शन कर लूँ भर भर नैना।
आये हो तुम मेरे अंगना,
तेरी आओभगत मै खूब करु,
तन मन अपना न्योछावर कर दूँ,
सुध बुध खो रहे मेरे नैना।
आये हो तुम मेरे अंगना,
भोजन पानी तुम्हे कराऊ,
लुटा दूँ अपना तन मन गहना,
एक टक देखे तुझे मेरे नैना।
आये हो तुम मेरे अंगना,
अब पार मेरा हो जाएगा ,
हो जायेगा उद्धार हो,
मिल गया मुझको तेरा साथ हो।
चमक उठी मेरी जीवन बगिया,
अब धन्य हुआ मै जग मे आज,
जब आये हो तुम मेरे अंगना,
पड़े कमल चरण तेरे मेरे अंगना।
रचनाकार –
बुद्ध प्रकाश,
मौदहा हमीरपुर।