आये हो जब से तुम मेरी जिन्दगी में -आर के रस्तोगी
आये हो जब से तुम मेरी इस जिन्दगी में
प्यार के कुछ सपने अब मै बुनने लगी हूँ
बनाया है जो प्यार का बगीचा मेरे लिए
उसमे से कुछ कालिया मै चुनने लगी हूँ
करते हो जो प्यार की बाते मोबाइल पर
उनको बड़े ध्यान से मै सुनने लगी हूँ
स्विच ऑन करने से पहले मोबाइल को
उसको अपने होठो से मै चूमने लगी हूँ
लिखे है जो गीत प्यार के मेरे लिए
उनको अब मै गुनगुनाने लगी हूँ
गाये हम दोनों कभी साथ मिलकर
उनको संगीत अब मै देने लगी हूँ
कब होगा हमारा इस प्यार का मिलन ?
उस दिन की प्रतीक्षा मै करने लगी हूँ
इस प्यार का कैसे होगा अब रंग रूप ?
इस कल्पना की समीक्षा मै करने लगी हूँ
कब आओगे मेरे द्वार दूल्हा बन कर ?
उस दिन का इन्तजार मै करने लगी हूँ
कब ले जाओगे मुझे डोली में बिठा कर ?
उस पल का इन्तजार मै करने लगी हूँ
कब होगी वो मिलन की रात हमारी ?
उसके आँखों में सपने मै सजोने लगी हूँ
कब होगे दो दिल एक दिल बन कर ?
उस रात को फूलो से मै सजाने लगी हूँ
टूट न जाये ये स्वपन कभी मेरे
ये सोच कर क्यों मै डरने लगी हूँ ?
पूरे कर देना ये सारे स्वपन मेरे तुम
इन काली रातो से मै डरने लगी हूँ
आर के रस्तोगी
मो 9971006425