आये क्यों थे
जाना था यूँ रुठ कर ,पास इतने आये क्यों थे?
सुला दिये थे अहसास सभी,जगाए क्यों थे?
बेशक न थी जिंदा,पर जी तो रहे थे यारा,
रंगहीन चित्र में रंग भरने आये क्यों थे?
पाखी
जाना था यूँ रुठ कर ,पास इतने आये क्यों थे?
सुला दिये थे अहसास सभी,जगाए क्यों थे?
बेशक न थी जिंदा,पर जी तो रहे थे यारा,
रंगहीन चित्र में रंग भरने आये क्यों थे?
पाखी