आयेगा कोई
आयेगा कोई
प्रेम में
घर से भागी हुई
लड़कियों के मन
सूख जाते हैं
नहीं मिलता विश्वास
जहाँ मन का सब बेखौफ कह सकें
नहीं मिलता कोई कंधा
जिस पर सिर रख
अपने आँसुओं का बोझ
हल्का कर सकें
वे बस
सोचती रहती हैं
दिन-रात
देखती रहती हैं
दरवाजे की ओर
होगी किसी अपने के
आने की आहट
शायद कभी
पिघलेगी मन पर
पड़ी बर्फ़ एक दिन
आयेगा मायके से कोई
उसका हाल-चाल लेने।
डा० भारती वर्मा बौड़ाई