*आयु पूर्ण कर अपनी-अपनी, सब दुनिया से जाते (मुक्तक)*
आयु पूर्ण कर अपनी-अपनी, सब दुनिया से जाते (मुक्तक)
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आयु पूर्ण कर अपनी-अपनी, सब दुनिया से जाते
एक-आध सौ में सौ वर्षों, दुनिया में जी पाते
जितने बरस जिए जो उनमें, नजर स्वस्थ कम आते
कुतर-कुतर कर रोग-बुढ़ापा, चूहे तन को खाते
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रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा , रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451