आया होली पर्व सुहाना
22 + 22 + 22 + 22
भीग रहा मन हो दीवाना
आया होली पर्व सुहाना
झाँझ बजे है और मंजीरा
थोड़ा तुम भी ढोल बजाना
मन झूमे है तन भी मेरा
ऐसे ही तुम फाग सुनाना
मनभावन ओ कृष्णा मेरे
सपनोँ में तुम रास रचाना
राधे कहे सुन हे कन्हाई
धीरे-धीरे रंग लगाना