आया है नववर्ष यह….
मंगलमय हो वर्ष यह, जुड़ें तार से तार |
अपनापन बढ़ता रहे, उपजाए यह प्यार ||
गुरु हैं अपने देवगुरु, अति पावन है वेश।
गुरु ब्रह्मा हैं विष्णु गुरु, गुरु हैं स्वयं महेश।
गुरुचरणों में शीश धर, हम सब पाते ज्ञान।
गुरुद्वारे से मिल रहा, ‘अम्बर’ को सम्मान।।
आया है नववर्ष यह पहले गुरु के द्वार।
करता है अरदास यह, सुखी रहे संसार।।
हृदय बधाई दे रहा, महक रहा परिवेश।
स्वागत है नववर्ष का, रहे सनातन देश।।
इंजी0 अम्बरीष श्रीवास्तव ‘अम्बर’