हमें लड़ना पढे़गा।।
आया है कोरोना तो हमें लड़ना पढे़गा।।
अब ख़त्म ज़माने से इसे करना पढ़ेगा।।
घर अपने बुलाओ न किसी और के जाओ।
रिश्तों को मगर दूर से तुम अपने निभाओ।
तुम दूर रहे सबसे तो ये दूर रहेगा।।
आया है कोरोना तो हमें लड़ना पढे़गा।।
बाज़ार हो होटल होके आॅफ़िस हो जहाँ पर।
दूरी को बना रखना है हम सब को वहाँ पर।
ला परवह रहे हम तो ये हरगीज़ न मरेगा।।
आया है कोरोना तो हमें लड़ना पढे़गा।।
ख़िदमत में मरीज़ों की जो दिन रात लगे हैं।।
उनका भी तो घर बार है उनके भी सगे हैं।।
मालिक न कभी उनको यूँ मायूस करेगा।।
आया है कोरोना तो हमें लड़ना पढ़ेगा।।
बीमार कोई हो भी तो अब डरना नहीं है।।
अच्छे भी हुए जाते हैं सब मरना नहीं है।।
पैदा किया जिसने हमें ज़िन्दा वो रखेगा।।
आया है कोरोना तो हमें लड़ना पढे़गा।।
अब ख़त्म ज़माने से इसे करना पढ़ेगा।।
डाॅ वाहिद फ़राज़
झाबुआ म प्र
9407223263