आया बसंत
आया बसंत
आया बसंत सखि आया बसंत
हर्ष अनंत सखि लाया बसंत
ग्रीष्म,शीत,वर्षा,
हेमन्त,शिशिर का,
मनमोहन कंत सखि आया बसंत
ले धरा अंगड़ाई,
हो हरित हर्षायी,
खिले पुष्प-दंत सखि आया बसंत
मंजरि शाख आये,
कोकिल फाग गाये,
झूमे मन महंत सखि आया बसंत
पल्लव,कुसुम नव,
है सुगन्धि अभिनव,
सजे दिग-दिगंत सखि आया बसंत
वसन पीत धारे
कर टेसु सजा रे
दिखे कोई संत सखि आया बसंत
सुख-दुख समभाव
जीवन में प्रवाह
रहे अंत पर्यन्त सखि आया बसंत
आया बसंत सखि आया बसंत
हर्ष अनंत सखि लाया बसंत
रचनाकार-हेमा तिवारी भट्ट