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29 Mar 2017 · 1 min read

आया बसंत सखी आया बसंत

आया बसंत सखी आया बसंत

चहुँदिशि खुशियाँ लाया अनंत
महक रहे हैं सभी दिग दिगंत
झूमा अवनी का अंग प्रत्यंग
आया बसंत सखी आया बसंत ।

श्यामा ने गाया अब मधुर छँद
आयी भोर लिए मादक सुगंध
रवि रश्मि क्रीड़ा करे स्वच्छंद
आया बसंत सखी आया बसंत ।

हिय भक्ति की है जागी उमंग
द्वार माता के बज उठे मृदंग
छंदों में लहर उठी है तरंग ।
आया बसंत सखी आया बसंत ।

डॉ रीता
आया नगर,नई दिल्ली

Language: Hindi
509 Views
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