आया बसंत सखी आया बसंत
आया बसंत सखी आया बसंत
चहुँदिशि खुशियाँ लाया अनंत
महक रहे हैं सभी दिग दिगंत
झूमा अवनी का अंग प्रत्यंग
आया बसंत सखी आया बसंत ।
श्यामा ने गाया अब मधुर छँद
आयी भोर लिए मादक सुगंध
रवि रश्मि क्रीड़ा करे स्वच्छंद
आया बसंत सखी आया बसंत ।
हिय भक्ति की है जागी उमंग
द्वार माता के बज उठे मृदंग
छंदों में लहर उठी है तरंग ।
आया बसंत सखी आया बसंत ।
डॉ रीता
आया नगर,नई दिल्ली