आया नव-वर्ष
आया नव-वर्ष
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नव वर्ष का सभी स्वागत करें,
मिलकर हम सभी युग निर्माण करें।
सबकी पीड़ा को बांटे हम,
आओ जगत का कल्याण करें।
भूल कर बीती बातों को,
हृदय में प्रेम का दीप जलाएं —
नया इतिहास बनाएं हम,
नव वर्ष का अभिनंदन सब करें।
स्वर्णिम रश्मियों के साथ,
एक नया प्रभात लायेंगे।
नेक काम करके सभी,
भारत का गौरव बढ़ाएंगे।
उत्साह नहीं गिरने पाए,
हम ताकत बन जाएंगे।
पूरी दुनिया जिसको गाए,
हम ऐसा गीत सुनाएंगे।
भारत एक मिसाल बनें,
हम ऐसा महान काम करें।
सबकी पीड़ा को बांटे हम,
आओ जगत का कल्याण करें —–
हिंदू -मुस्लिम का भेद मिटा,
हम सबको गले लगाएंगे।
हम सब हैं आपस में भाई -भाई,
हम दुनिया को बतलाएंगे।
भूल कर गिले -शिकवे सब,
हम आगे बढ़ते जाएंगे।
नई सोच, नई उम्मीद के साथ,
हम नया इतिहास रचाएंगे।
सपनों को सच करके अपने,
भारत का नाम रोशन करें।
सबकी पीड़ा को बांटे हम,
आओ जगत का कल्याण करें —–
दीपक और बाती की तरह,
हम मिल प्रेम के दीप जलाएंगे।
भेदभाव सब भूलकर,
घर-घर खुशहाली लाएंगे।
कोई भी आपस में न झगड़े,
हम गीत खुशी के गाएंगे।
वसुधैव कुटुंबकम् का नारा,
हम बार-बार दोहराएंगे।
भारत है सोने की चिड़िया,
हम यह सपना साकार करें!
सबकी पीड़ा को बांटे हम—
आओ जगत का कल्याण करें —-
नव वर्ष की सभी को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं।
सभी के जीवन में सुख और समृद्धि
बनी रहे।।
सुषमा सिंह*उर्मि,,
कानपुर