आया नववर्ष
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अवनी से अंबर तक छाया ।
सिन्दूरी भोर लिए आया ।।
कण कण में छाया उत्कर्ष ।
लो आया, आया नववर्ष ।।
झरनों ने सुंदर स्वर गाया ।
नदियों ने भी राग सुनाया ।।
सबके मन में उमंग व हर्ष ।
लो आया, आया नववर्ष ।।
फूल नए चमकीली पातें ।
बांट रहा, सूरज सौगातें।।
गुल-गंध का हुआ परामर्श ।
लो आया, आया नववर्ष ।।
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