“आम की महिमा”
अँबिया आई, रुत है भाई, उपवन मेँ तरुणाई,
दाता की बलिहारी, चहुँदिश है हरियाली छाई।
खपिया कोऊ कहत, कोउ केरी कहि करत पुकारी,
कोउ बनावत चटनी, कोऊ, बिधि से धरत अचारी।
मोटी रोटी, खिचड़ी, तहरी, सबकै सँग लगि प्यारी,
बच्चे-बूढ़े, सब मन भावत, चखै धात्री नारी ।
पेट-रोग मेँ, लू मेँ, सचमुच, पना बहुत हितकारी,
भावत कोऊ अमझोरा, कोउ जलजीरा गुणकारी।
“फल कौ राजा आम” पकत ही, होँहि सबै सुखियारी,
लँगड़ा, चौँसा, कहूँ दसहरी, हुसनारा, छवि न्यारी।
तोतापरी, कहूँ अलफांसो, कहुँ प्यारो मद्रासी,
कहूँ सफेदा लखनउआ, कहुँ सोहत मलिहाबादी।
पाचन करै दुरुस्त, आम तुख़्मी, रसधार, निराली,
एन्टीआक्सीडेंट्स, विटामिन ए, सी कै भन्डारी।
“आशा” नाना रूप दिखावत, शहरी कहूँ देहाती,
खाय गरीब-अमीर सबहिं, रखु कृपा ईश सब भाँती..!
##———–##———–##————##———
रचयिता
Dr.asha kumar rastogi
M.D.(Medicine), DTCD
Ex.Senior Consultant Physician, district hospital, Moradabad.
Presently working as Consultant Physician and Cardiologist, sri Dwarika hospital, near sbi Muhamdi, dist Lakhimpur kheri U.P. 262804 M.9415559964