Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 May 2024 · 1 min read

आम की गुठली

आज सभी के संग गांव जाना हुआ,
शहर की चकाचौंध में भूल गए थे गांव को
गांव में आकर सुहाना लगा।
पुरानी अपनी हवेली देखकर
बचपन याद आने लगा।
घूम-घूम,चूम-चूम मन
स्मृतियों में लहराने लगा।
एक दिन खेल-खेल में आम खाकर
उसकी गुठठी को पिछवाड़े में दबाकर
इंतजार जोरों से होने लगा।
पानी से सींचती गोबर खाद से पालती,
अंकुर फूटा,,नहीं रहा मेरी खुशी का ठिकाना,
कुछ दिन बाद गांव छोड़ शहर में हुआ आना,
उदास था मेरा मन और सारी काया
जिस गुठठी को मैनै जतन से उपजाया
अब उसी को था करना पराया,
रोते हुए काकी,फूफी को बताया,
मेरी तरह का भी लाड़ लड़ाना
इस पर अपना प्यार बरसाना।
लो बेटा कह,आम हाथ में थमाया,
काकी ने स्मृतियों से मुझे जगाया।
हैं यह वही गुठठी का आम जिसे तुमने
मिट्टी में फिर बनने के लिए दबाया,
प्रेम से सिंचित कर उपजाया,
सुन कर मुझे विश्वास नहीं हो पाया
आंखों बहने लगी आंसु की धारा
चेहरे पर मुस्कान और रोमांचित काया
झट से भागी वहां जहां मैनै वो गुठठी को दबाया।
लिपट कर उस विटप पर अपना प्रेम जताया।
– सीमा गुप्ता अलवर

Language: Hindi
285 Views

You may also like these posts

थोड़ी-थोड़ी बदमाशी करती रहनी चाहिए,
थोड़ी-थोड़ी बदमाशी करती रहनी चाहिए,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
ग़ज़ल - कह न पाया आदतन तो और कुछ - संदीप ठाकुर
ग़ज़ल - कह न पाया आदतन तो और कुछ - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
“बोझिल मन ”
“बोझिल मन ”
DrLakshman Jha Parimal
तू चांद बारू हमार
तू चांद बारू हमार
Nitu Sah
सेवा कार्य
सेवा कार्य
Mukesh Kumar Rishi Verma
मोबाइल का यूज कम करो
मोबाइल का यूज कम करो
Dhirendra Singh
Use your money to:
Use your money to:
पूर्वार्थ
कहते हैं लड़कों की विदाई नहीं होती .
कहते हैं लड़कों की विदाई नहीं होती .
Manisha Manjari
*जीवन को सुधारने के लिए भागवत पुराण में कहा गया है कि जीते ज
*जीवन को सुधारने के लिए भागवत पुराण में कहा गया है कि जीते ज
Shashi kala vyas
ग़ज़ल
ग़ज़ल
आर.एस. 'प्रीतम'
मोटा बिल्ला
मोटा बिल्ला
विजय कुमार नामदेव
अच्छा होगा
अच्छा होगा
Sudhir srivastava
ह
*प्रणय*
जब हम छोटे से बच्चे थे।
जब हम छोटे से बच्चे थे।
लक्ष्मी सिंह
पनघट के पत्थर
पनघट के पत्थर
डॉ राजेंद्र सिंह स्वच्छंद
जीवन उत्साह
जीवन उत्साह
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
2941.*पूर्णिका*
2941.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
कोरोना कविता
कोरोना कविता
Mangu singh
कविता
कविता
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
शीर्षक – जीवन पथ
शीर्षक – जीवन पथ
Manju sagar
माँ
माँ
Shashi Mahajan
दोस्ती
दोस्ती
Adha Deshwal
खुश रहने की कोशिश में
खुश रहने की कोशिश में
Surinder blackpen
समझदारी शांति से झलकती हैं, और बेवकूफ़ी अशांति से !!
समझदारी शांति से झलकती हैं, और बेवकूफ़ी अशांति से !!
Lokesh Sharma
पुनर्आगमन
पुनर्आगमन
अंकित आजाद गुप्ता
वचन सात फेरों का
वचन सात फेरों का
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
गुरु अमरदास के रुमाल का कमाल
गुरु अमरदास के रुमाल का कमाल
कवि रमेशराज
बड़े बुजुर्गों ,माता पिता का सम्मान ,
बड़े बुजुर्गों ,माता पिता का सम्मान ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
ग़ज़ल : कई क़िस्से अधूरे रह गए अपनी कहानी में
ग़ज़ल : कई क़िस्से अधूरे रह गए अपनी कहानी में
Nakul Kumar
काश तुम कभी जोर से गले लगा कर कहो
काश तुम कभी जोर से गले लगा कर कहो
शेखर सिंह
Loading...