आम का पेड़ रे
********* आम का पेड़ रे **********
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घर आंगन द्वार बाहर लगा आम का पेड़ रे
हरी भरी पार्क साथ सटा आम का पेड़ रे
गुब्बारों से हैं दिखें पीले पके लटके आम
फलों से लदा है ललचाता आम का पेड़ रे
हिलाए कोई , उठाए कोई , खाए कोई
बहुत नसीब वाला खड़ा आम का पेड़ रे
चीनी की चासनी सी मिठास वाला अंब
चूसते हुए लथपथ करता आम का पेड़ रे
आता जाता कभी ऊपर देखे कभी नीचे
शायद गिराए रसाल पका आम का पेड़ रे
बाहर निकलते देख आता हवा का तूफान
कामशरों का ढेर लगाता आम का पेड़ रे
ऊपर चढ़ा कोई जन जोर से पेड़ हिलाए
उठाए कोई लगा मौका आम का पेड़ रे
जिसने पिकबंधु का अंजाने में पेड़ लगाया
पोता चूसे दादे ने लगाया आम का पेड़ रे
सुखविंद्र निशदिन चूसता रहे मीठे रसाल
ज्यादा ही है मन को भाया आम का पेड़ रे
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)