Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 May 2024 · 1 min read

सैनिक का खत– एक गहरी संवेदना।

अब बर्ष नया फिर आया है,
दिन आज बहुत ही अच्छा है।
पर तुम न हो तो क्या मतलब,
ये देश तुम्हारा अच्छा है।

खत लिए हाथ में वो सैनिक,
आंखों में अश्रु छिपाए था।
माथे पर सिकुड़न पल भर की,
अगले ही पल चौकन्ना था।

नव बर्ष मने सबका अच्छा,
दिन–रात नही वो सोया था।
बेटे का जन्म दिवस उस दिन,
बिन अश्रु के वह रोया था।

था समझदार बेटा बोला,
सैनिक की कौम का जाया हूं।
लिख भेज दिया संदेशा की,
सत्रह का होने वाला हूं।

पापा अब देर नहीं होगी,
इतिहास नया हम रच देगें।
बस एक बरस का समय और,
सीमा पर आकर मिल लेंगे।

लेखक/कवि
अभिषेक सोनी “अभिमुख”

24 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
घुटने बदले दादी जी के( बाल कविता)
घुटने बदले दादी जी के( बाल कविता)
Ravi Prakash
महफ़िल जो आए
महफ़िल जो आए
हिमांशु Kulshrestha
कौन है जिम्मेदार?
कौन है जिम्मेदार?
Pratibha Pandey
नेम प्रेम का कर ले बंधु
नेम प्रेम का कर ले बंधु
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
बचपन याद किसे ना आती💐🙏
बचपन याद किसे ना आती💐🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
कविता-मरते किसान नहीं, मर रही हमारी आत्मा है।
कविता-मरते किसान नहीं, मर रही हमारी आत्मा है।
Shyam Pandey
जो सोचते हैं अलग दुनिया से,जिनके अलग काम होते हैं,
जो सोचते हैं अलग दुनिया से,जिनके अलग काम होते हैं,
पूर्वार्थ
एक बाप ने शादी में अपनी बेटी दे दी
एक बाप ने शादी में अपनी बेटी दे दी
शेखर सिंह
"अपदस्थ"
Dr. Kishan tandon kranti
शाम हो गई है अब हम क्या करें...
शाम हो गई है अब हम क्या करें...
राहुल रायकवार जज़्बाती
ऐसा क्यों होता है
ऐसा क्यों होता है
रोहताश वर्मा 'मुसाफिर'
शब्द अभिव्यंजना
शब्द अभिव्यंजना
Neelam Sharma
*समय*
*समय*
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
चक्षु द्वय काजर कोठरी , मोती अधरन बीच ।
चक्षु द्वय काजर कोठरी , मोती अधरन बीच ।
पंकज पाण्डेय सावर्ण्य
लगाये तुमको हम यह भोग,कुंवर वीर तेजाजी
लगाये तुमको हम यह भोग,कुंवर वीर तेजाजी
gurudeenverma198
छठ व्रत की शुभकामनाएँ।
छठ व्रत की शुभकामनाएँ।
Anil Mishra Prahari
#मुक्तक
#मुक्तक
*Author प्रणय प्रभात*
राम तेरी माया
राम तेरी माया
Swami Ganganiya
हर किसी का एक मुकाम होता है,
हर किसी का एक मुकाम होता है,
Buddha Prakash
चन्द ख्वाब
चन्द ख्वाब
Kshma Urmila
रंगो ने दिलाई पहचान
रंगो ने दिलाई पहचान
Nasib Sabharwal
नव अंकुर स्फुटित हुआ है
नव अंकुर स्फुटित हुआ है
Shweta Soni
Dr Arun Kumar Shastri
Dr Arun Kumar Shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
मोहे हिंदी भाये
मोहे हिंदी भाये
Satish Srijan
स्वार्थी नेता
स्वार्थी नेता
पंकज कुमार कर्ण
मुहब्बत का घुट
मुहब्बत का घुट
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
بدل گیا انسان
بدل گیا انسان
Ahtesham Ahmad
कोई पढे या ना पढे मैं तो लिखता जाऊँगा  !
कोई पढे या ना पढे मैं तो लिखता जाऊँगा !
DrLakshman Jha Parimal
अपने होने का
अपने होने का
Dr fauzia Naseem shad
भारत
भारत
Bodhisatva kastooriya
Loading...