Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Aug 2021 · 1 min read

आम आदमी

मुक्तक ३२ मात्रिक
प्रदत्त शब्द-आम आदमी

बेबस भूख गरीबी से हो, खेतों में लाचार रो रहा।
आम आदमी के सपने का, संसद में व्यापार हो रहा।
मँहगाई विकराल हो गई, रोजगार का पता नहीं है-
तेल डालकर निज कानों में, जो था जिम्मेदार सो रहा।

मुक्तक- २८ मात्रिक
प्रदत्त शब्द-आम आदमी

मँहगी गाड़ी से चलते अरु, जनसेवक कहलाते।
अन्त्योदय का अन्न बेचकर, अपना महल बनाते।
आम आदमी भूखे मरता, नून तेल का फांँका-
संसद में बिरियानी बंँटती, साथ बैठ सब खाते।

मुक्तक-२१ मात्रिक
प्रदत्त शब्द- साहित्य

रहे बस सत्य ही आधार जीवन भर।
मिले हर रोज ही त्योहार जीवन भर।
भले दौलत नहीं देना मुझे भगवन्-
बहे बस प्रेम की रसधार जीवन भर।

प्रदत्त शब्द :आम-आदमी
(मुक्तक २४ मात्रिक)

सब-कुछ कर के देख ली, पूजा और अजान।
मँहगाई की रोग से, मिलता नहीं निदान ।
क्या होली दीपावली, ईद, तीज, त्योहार-
आम आदमी के लिए, सब दिन एक समान।

(स्वरचित मौलिक)
#सन्तोष_कुमार_विश्वकर्मा_सूर्य
तुर्कपट्टी, देवरिया, (उ.प्र.)
☎️7379598464

Language: Hindi
2 Comments · 252 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
जागो जागो तुम,अपने अधिकारों के लिए
जागो जागो तुम,अपने अधिकारों के लिए
gurudeenverma198
चार बजे
चार बजे
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
नाजुक -सी लड़की
नाजुक -सी लड़की
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
जो हुआ वो गुज़रा कल था
जो हुआ वो गुज़रा कल था
Atul "Krishn"
ग़ज़ल सगीर
ग़ज़ल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
तुम्हारी शरारतें
तुम्हारी शरारतें
Dr. Rajeev Jain
3547.💐 *पूर्णिका* 💐
3547.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
सबसे प्यारा माॅ॑ का ऑ॑चल
सबसे प्यारा माॅ॑ का ऑ॑चल
VINOD CHAUHAN
संबंधो में अपनापन हो
संबंधो में अपनापन हो
संजय कुमार संजू
*पृथ्वी दिवस*
*पृथ्वी दिवस*
Madhu Shah
* उपहार *
* उपहार *
surenderpal vaidya
दान किसे
दान किसे
Sanjay ' शून्य'
लड़की अपने बॉयफ्रेंड से पूछती है
लड़की अपने बॉयफ्रेंड से पूछती है
Rituraj shivem verma
*सुबह हुई तो सबसे पहले, पढ़ते हम अखबार हैं (हिंदी गजल)*
*सुबह हुई तो सबसे पहले, पढ़ते हम अखबार हैं (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
दृष्टिकोण
दृष्टिकोण
Dhirendra Singh
इस क़दर उलझा हुआ हूं अपनी तकदीर से,
इस क़दर उलझा हुआ हूं अपनी तकदीर से,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
ज़िन्दगी भर ज़िन्दगी को ढूँढते हुए जो ज़िन्दगी कट गई,
ज़िन्दगी भर ज़िन्दगी को ढूँढते हुए जो ज़िन्दगी कट गई,
Vedkanti bhaskar
जिंदगी और जीवन भी स्वतंत्र,
जिंदगी और जीवन भी स्वतंत्र,
Neeraj Agarwal
मलाल है मगर इतना मलाल थोड़ी है
मलाल है मगर इतना मलाल थोड़ी है
पूर्वार्थ
बेहिसाब सवालों के तूफान।
बेहिसाब सवालों के तूफान।
Taj Mohammad
Past Memories
Past Memories
Shyam Sundar Subramanian
मां कृपा दृष्टि कर दे
मां कृपा दृष्टि कर दे
Seema gupta,Alwar
जो लड़की किस्मत में नहीं होती
जो लड़की किस्मत में नहीं होती
Gaurav Bhatia
उधड़ता दिखते ही तुरंत सिलवा लीजिए। फिर चाहे वो जूता हो, कपड़ा
उधड़ता दिखते ही तुरंत सिलवा लीजिए। फिर चाहे वो जूता हो, कपड़ा
*प्रणय*
जरूरी तो नहीं - हरवंश हृदय
जरूरी तो नहीं - हरवंश हृदय
हरवंश हृदय
पिता
पिता
Mamta Rani
यदि आपके पास रुपए ( धन ) है, तो आपका हरेक दिन दशहरा, दिवाली
यदि आपके पास रुपए ( धन ) है, तो आपका हरेक दिन दशहरा, दिवाली
Rj Anand Prajapati
जीत
जीत
सुरेश अजगल्ले 'इन्द्र '
जीवन में सबसे मूल्यवान अगर मेरे लिए कुछ है तो वह है मेरा आत्
जीवन में सबसे मूल्यवान अगर मेरे लिए कुछ है तो वह है मेरा आत्
Dr Tabassum Jahan
मैं नास्तिक क्यों हूॅं!
मैं नास्तिक क्यों हूॅं!
Harminder Kaur
Loading...