Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Apr 2018 · 1 min read

आम आदमी

आम आदमी
चूसा जाता है
आम की तरह

नये क़ानून के नाम पर
नयी व्यवस्था के नाम पर
रोज़ मंहगाई के नाम पर

उधड़ जाती है खाल इसकी
छिलके की तरह
दिन रात ज़रूरतें बटोरते

निचुड़ जाता है इसका
खून पसीना सब
गूदा रस जैसे
परिवार पेट पालने में

फ़िर फेंक दिया जाता है
समझकर बेकार
हर बार
गुठली की तरह
समाज के ढेर पर

परन्तु इसकी बेशर्मी तो देखो
ये पुनः उग आता है
बिन खाद पानी दिये
भगवान की कृपा से
नयी फसल लेकर
नया नसीब लेकर

Language: Hindi
2 Likes · 2 Comments · 575 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
सीख बुद्ध से ज्ञान।
सीख बुद्ध से ज्ञान।
Buddha Prakash
शुगर के मरीज की आत्मकथा( हास्य व्यंग्य )
शुगर के मरीज की आत्मकथा( हास्य व्यंग्य )
Ravi Prakash
"हास्य कथन "
Slok maurya "umang"
तुम याद आ रहे हो।
तुम याद आ रहे हो।
Taj Mohammad
आया होली का त्यौहार
आया होली का त्यौहार
Ram Krishan Rastogi
जब कभी मन हारकर के,या व्यथित हो टूट जाए
जब कभी मन हारकर के,या व्यथित हो टूट जाए
Yogini kajol Pathak
■ शर्मनाक हालात
■ शर्मनाक हालात
*Author प्रणय प्रभात*
जब एक ज़िंदगी है
जब एक ज़िंदगी है
Dr fauzia Naseem shad
निंदा और निंदक,प्रशंसा और प्रशंसक से कई गुना बेहतर है क्योंक
निंदा और निंदक,प्रशंसा और प्रशंसक से कई गुना बेहतर है क्योंक
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
अटल-अवलोकन
अटल-अवलोकन
नंदलाल सिंह 'कांतिपति'
"खुदा से"
Dr. Kishan tandon kranti
लौटना पड़ा वहाँ से वापस
लौटना पड़ा वहाँ से वापस
gurudeenverma198
23/196. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/196. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
सबसे ज्यादा विश्वासघात
सबसे ज्यादा विश्वासघात
ruby kumari
* खूब खिलती है *
* खूब खिलती है *
surenderpal vaidya
आज वो दौर है जब जिम करने वाला व्यक्ति महंगी कारें खरीद रहा ह
आज वो दौर है जब जिम करने वाला व्यक्ति महंगी कारें खरीद रहा ह
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
जब तू रूठ जाता है
जब तू रूठ जाता है
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
जानता हूं
जानता हूं
Er. Sanjay Shrivastava
जो ना कहता है
जो ना कहता है
Otteri Selvakumar
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
संस्कारों और वीरों की धरा...!!!!
संस्कारों और वीरों की धरा...!!!!
Jyoti Khari
धर्म, ईश्वर और पैगम्बर
धर्म, ईश्वर और पैगम्बर
Dr MusafiR BaithA
दो पल देख लूं जी भर
दो पल देख लूं जी भर
आर एस आघात
रामचरितमानस दर्शन : एक पठनीय समीक्षात्मक पुस्तक
रामचरितमानस दर्शन : एक पठनीय समीक्षात्मक पुस्तक
श्रीकृष्ण शुक्ल
आज की शाम।
आज की शाम।
Dr. Jitendra Kumar
“ अपने प्रशंसकों और अनुयायियों को सम्मान दें
“ अपने प्रशंसकों और अनुयायियों को सम्मान दें"
DrLakshman Jha Parimal
यारा ग़म नहीं अब किसी बात का।
यारा ग़म नहीं अब किसी बात का।
rajeev ranjan
जीवन और रंग
जीवन और रंग
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
गर गुलों की गुल गई
गर गुलों की गुल गई
Mahesh Tiwari 'Ayan'
विश्वकर्मा जयंती उत्सव की सभी को हार्दिक बधाई
विश्वकर्मा जयंती उत्सव की सभी को हार्दिक बधाई
Harminder Kaur
Loading...