*आभार कहो अपना भारत, जनतंत्र-रीति से चलता है (राधेश्यामी छंद
आभार कहो अपना भारत, जनतंत्र-रीति से चलता है (राधेश्यामी छंद )
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आभार कहो अपना भारत, जनतंत्र-रीति से चलता है
वोटों से बनतीं सरकारें, मतदान-तंत्र पर पलता है
सेना ने अब तक कभी नहीं, भीतर का राज सॅंभाला है
सौभाग्य हमारा स्वप्न नहीं, तानाशाही का पाला है
रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451