आबूधाबी में हिंदू मंदिर
संयुक्त अरब अमीरात की राजधानी में
हिंदू मंदिर उद्घाटित हुआ है आनुधाबी मे
नया नजीर निशानी है यह पूरी दुनिया में
सांप्रदायिक -सांस्कृतिक -सद्भाव की दिशा में
एक दूरदर्शी कदम है, एक अनोखा पैगाम है
वहां के शासक और भारत के शासक की
दुनिया गवाह है कि किस- किसने दिल तोड़े हैं
कितने मंदिर मस्जिद गिरजाघर गुरुद्वारे टूटे हैं
लेकिन अब पूरी दुनिया तेजी से बदल रही है
विध्वंश की जगह अब निर्माण की बात हो रही है
रामलला के आने के बाद बने इस मंदिर से
सदभाव- सहिष्णुता बढ़ेगी,शांति होगी दुनिया में ।
स्वामी नारायण मंदिर का निर्माण अनोखा हैं
मानव वादियों के लिए एक अवसर एक मौका है
अक्षर पुरोषतम स्वामी नारायण संस्था के अनुरोध पर
सुलतान ने मुहर लगाकर अपनी सहमति स्वीकृति दी है
262′ 180′108’=27 एकड़ जमीन दान में दी है
बोहरा समुदाय ने भी एक दीवार सहर्ष दान में दी है
12 गुंबजों में 7 गुंबज सात अमीरतों के प्रतीक हैं
सभी सातों शिखर सात देवताओं को समर्पित हैं
राम, कृष्ण, शिव, जगन्नाथ जी,बाला जी के साथ -साथ
स्वामी नारायण जी एवम माता अय्यप्पा विराजती है
2 गुंबज शांति और सौहार्द पर आधारित चिन्हित है
यह शिलान्यास के पश्चात केवल पांच वर्षों में बना है
बी.ए .पी .एस. को लागत 700 करोड़ रु. आई है
पौराणिक और आधुनिक स्थापत्य कला शैली से
भारतीय चीनी एवम अफ्रीकी कथाएं उत्कीर्ण हुई है
बाघ शेर ऊंट के साथ राष्ट्रीय पक्षी बाज की नक्काशी
मृतिकार सोमनाथ ने बखूबी दिलोजान से बनाई है
दोनों तरफ गंगा यमुना का जल अनवरत बहती है
जो भारत से कंटेनरों में वायु पथ से वहां पहुंची है ।
इस मंदिर के निर्माण से पुरानी रूढ़ियां ध्वस्त हुई है
जन- जन आश्वस्त हुई है, भविष्य की राह प्रशस्त हुई है
निसंदेह प. एशिया में बदलाव की बयार बह चली है
उन्होंने समझा है, कट्टरपंथियों से नुकसान हुआ है
सुलतान ने समुदायों की रुचियों को सम्मान दिया है
अयोध्या धाम में रामलला की प्रतिस्थापना के बाद
मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा सुनहरे कल की राह दिखाती है।
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@मौलिक रचना घनश्याम पोद्दार
मुंगेर