आप ही तो हैं प्रभु, धरती के भगवान
सुख सुविधा बांग्ला मिले, और गाड़ी दो चार
पद की महिमा है बड़ी, घुस जाओ एक बार
अगल बगल चमचे बसें, करें सदा गुणगान
आप ही तो हैं प्रभु, धरती के भगवान
धन-संपत्ति लक्ष्मी, खिंची सदा चली आए
कोई काम दुर्लभ नहीं, जो सत्ता न कर पाए
एक बार घुस जाए जो, जीवन भर न जाए
सेवा से मेवा मिले, सदा रेवड़ी खाए
धन्य भाग हैं आपके, जो राजनीति में आए
कुटुंब कबीला बंधु गण, सप्त पीढ़ी तर जाए
सुरेश कुमार चतुर्वेदी