आप हम भी समझे
आप हम भी समझे
मेरा मानना है जो भी जिस भी कही भी किसी भी कभी भी जब भी जहाँ भी विचारधारा से जुड़ा है,,
वह उसी विचारधारा की बात करता है। मानता है जानता है समझता चाहे किसी को वह अच्छा लगे या बुरा।वह अपनी विचार रखता है।
मेरा मानना है कि हम अपने विचार स्वतंत्र रूप से लोगो के बीच रखे।
और उसपर सभी लोग मिल के विचार-विमर्श करे।
तर्क-वितर्क करे।वाद विवाद परिवाद सम्वाद
न कि गाली-गलौच करे। न की विचार व्यक्त करता को गलत समझे उसको दुश्मन माने बुरा भला कहे उसके बारे में गलत धारणा बनाये,निजी कटाछ, वातावरण,अवधारणा,बनाये,,
उसकी निजी जिंदगी घर परिवार से जोड़कर देखे,समझे, विचार असमानता आज से नही पुरातन और ईताहासिक है और अनवरत जारी रहेगा,आपके मेरे होने न होने से कोई फर्क नही पड़ता,,, आप और हम इस दुनिया मे अकेले विचारक, समर्थक पोशक या पालन,मान्य करता नही है,,हम सब साधन है साध्य नही,,
जिस तरह शरीर की चमड़ी साध्य है और कपड़े साधन ऐसे ही विचार साध्य है और विचारक साधान जो बदलते रहते है,,
हर समस्या,विप्पत्ति, दिक्कत,मुशीबत का अपना निष्कर्ष है, का समाधान है। क्यो की आप सब किसी को बेवकूफ नही बना सकते और न ही बन सकते हो तो बस एक अंधविश्वास है,अंधभक्ति है,आडम्बर है ,जो लोगो के दिल और दिमाग मे अलग ढंग से बैठा दिया गया मतलब फिट कर दिया गया है।
इससे छुटकारा मिलेगा जरूर मिलेगा।और वो भी समय आएगा हम अकेले नही है जनबल,धनबल,समयबल,बाहुबल,बुद्धिबल सब है जब लोगो को समझाने की जरूरत नही पड़ेगी ओ खुद समझ जाएंगे।बस थोड़ी तसल्ली रखा कीजिये।”
अपने लक्ष्य और साध्य साधन पर ध्यान रखे हम सब एक रहे और सार्थक व सही समय पर अपनी एकता को सिद्ध करे,,,
सभी हित और भलाई,की बात और साथ को साथ दे,,,,,
मेरे विचार परिस्थित के अनुसार स्वतन्त्र और स्वविवेक परिवेश आधारित है,,,,
सभी अपने समायोजन और सयोजन से समझ और मान सकते है,,,
आपका,,,
मानक लाल मनु
????????????