आप से ही है हम
आपसे ही है हम
बहुत ही सहज है,
बहुत सरल है हम,,
गटकने की सोचोगे तो गरल है हम,,
जितने नम्र है,
उतने ही विन्रम है हम,,
डपटने की सोचोगे तो अटल है हम,,
कोई भी छुपने,
छुपाने बाले नही है हम,
धूर्तता करोगे तो साफ पटल है हम,,
सुलझे हुये रहते है,
उलझन नही चाहते है हम,
कमजोर समझोगे तो जटल है हम,,
आनबान की चिंता है,
मनु शान इन्सान की है हम,
मिलो तो पानी से तरल है हम,,
✍मानक लाल मनु?