आप रहने दीजिए
दिल में है कुछ बात हमको भी तो कहने दीजिए
आँसुओं को रोकना मुश्किल है बहने दीजिए
भीड़ से खुशियाँ यकीनन बाँटिए मिलकर मगर
गम को तो कुछ देर तनहाई में रहने दीजिए
मानता हूँ शौक है पक्के घरों का आपको
किन्तु मिट्टी के घरों को न यूँ ढहने दीजिए
चुन लिया जब लक्ष्य हमने आप ही कर हौसला
खोज लेंगे रास्ता भी आप रहने दीजिए