Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Apr 2020 · 2 min read

आप दोनों मेरे!

2 साल पहले(19 April 2018) जीवन में एक बदलाव आया। कुछ आदतें बदली और कुछ आदतें बदलवाई। थोड़ी बातें और ढेर सारी यादें बनाई। एक रचनात्मक व्यक्ति की प्राथमिकताएं अलग होती हैं…उसे दुनिया में रहना भी है और दुनियादारी में पड़ने से भी परहेज़ है। ऐसे में डर होता है कि क्या शादी के बाद भी यह सोच बनी रहेगी या नहीं? पहले मेघा और अब प्रभव ने मिलकर मुझे जीवन के कई पाठ पढ़ाए। इन्होनें बताया कि प्राथमिकताएं कोई बाइनरी कोड नहीं जिन्हें या तो रखा जाए या छोड़ा जाए…इंसान नए नज़रिये और जीने के ढंग के साथ प्राथमिकताओं में कुछ बदलाव करके भी खुश रह सकता है। मेरे मोनोक्रोमेटिक जीवन को खूबसूरत पेंटिंग बनाने के लिए शुक्रिया मेघा और प्रभव!

आप दोनों के लिए 2 रचनाएं –

कुछ मैंने समझा…कुछ तुमने माना,

नई राह पर दामन थामा।

कुछ मैंने जोड़ा…कुछ तुमने संजोया,

मिलकर हमने ‘घर’ बनाया।

दोनों की जीत…दोनों की हार,

थोड़ी तकरार…ढेर सा प्यार।

मेरी नींद के लिए अपनी नींद बेचना,

दफ्तर से घर आने की राह देखना।

माथे की शिकन में दबी बातें पढ़ना,

करवटों के बीच में थपथपा कर देखना।

साथ में इतनी खुशियां लाई हो,

एक घर छोड़ कर…मेरा घर पूरा करने आई हो।

पगडंडियों से रास्ता सड़क पर मुड़ गया है…

सफर में एक नन्हा मुसाफिर और जुड़ गया है।

चाहो तो अब पूरी ज़िंदगी इन दो सालों की ही बातें दोहराती रहो…

लगता है यह सफर चलता रहे…कभी पूरा न हो!

================

(हास्य) [ध्यान दें – ये दोनों ही मेन लीड हैं, क्योंकि मेरी प्रोफाइल है इसलिए खुद को नायक बना रहा हूँ।]

मैं उपन्यास हूँ…आप दोनों मेरे प्लाट ट्विस्ट और मेन लीड,

मैं छुटभैया नेता हूँ…आप दोनों मेरे जुटाए कैबिनेट मंत्री और भीड़।

मैं अन्ना हजारे हूँ…आप दोनों मेरे संघर्ष और अनशन,

मैं वीडियो गेम हूँ…आप दोनों मेरे प्लेयर और लास्ट स्टेज के ड्रैगन।

मैं एसयूवी हूँ…आप दोनों मेरे चेसिस और इंजन,

मैं सुबह की सांस हूँ…आप दोनों मेरे माउथवाश और मंजन।

मैं ट्रैक्टर हूँ…आप दोनों मेरे कल्टीवेटर और डाला,

मैं शक्तिमान हूँ…आप दोनों मेरे किलविश और कपाला!

मैं सब्जीवाला हूँ…आप दोनों मेरा ठेला और टोकरा,

मैं धूम सीरीज़ हूँ…आप दोनों मेरे अभिषेक बच्चन और उदय चोपड़ा!

मैं हलवाई हूँ…आप दोनों मेरी दिवाली और मिठाई,

मैं तापसी पन्नू हूँ…आप दोनों मेरी पीआर एजेंसी और बीफिटिंग रिप्लाई!

मैं अजय देवगन हूँ…आप दोनों मेरे रोहित शेट्टी और काजोल,

मैं बीजेपी हूँ…आप दोनों मेरे आरएसएस और बजरंग दल।

मैं इंदिरा गांधी हूँ…आप दोनों मेरे भारत रत्न और इमरजेंसी,

मैं पाकिस्तान हूँ…आप दोनों मेरे टेररिज़्म और इंसरजेंसी।

मैं फ़ुटबॉल हूँ…आप दोनों मेरे जूता और लात, [ओ भाई…मारो मुझे मारो]

मैं हालात हूँ…आप दोनों मेरी यादें और जज़्बात।

मैं बाबा रामदेव…आप दोनों मेरे योग और पतंजलि,

मैं धड़कन…आप दोनों मेरे देव और अंजली।

जीवन में नहीं रहा कोई अभाव,

मोहित को मिल गए मेघा और प्रभव।

======

#ज़हन

Language: Hindi
Tag: गीत
1 Comment · 444 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
ये गजब की दुनिया है जीते जी आगे बढने नही देते और मरने के बाद
ये गजब की दुनिया है जीते जी आगे बढने नही देते और मरने के बाद
Rj Anand Prajapati
बची रहे संवेदना...
बची रहे संवेदना...
डॉ.सीमा अग्रवाल
*प्रेम बूँद से जियरा भरता*
*प्रेम बूँद से जियरा भरता*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
अस्तित्व पर अपने अधिकार
अस्तित्व पर अपने अधिकार
Dr fauzia Naseem shad
सच तो यही हैं।
सच तो यही हैं।
Neeraj Agarwal
प्यार और नौकरी दिनो एक जैसी होती हैं,
प्यार और नौकरी दिनो एक जैसी होती हैं,
Kajal Singh
प्रेम क्या है...
प्रेम क्या है...
हिमांशु Kulshrestha
अमरत्व
अमरत्व
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
टिप्पणी
टिप्पणी
Adha Deshwal
DR ARUN KUMAR SHASTRI
DR ARUN KUMAR SHASTRI
DR ARUN KUMAR SHASTRI
यह सावन क्यों आता है
यह सावन क्यों आता है
gurudeenverma198
मंजिलें
मंजिलें
Santosh Shrivastava
तू मेरी हीर बन गई होती - संदीप ठाकुर
तू मेरी हीर बन गई होती - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
*मनः संवाद----*
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
राम जी
राम जी
Shashi Mahajan
“सुरक्षा में चूक” (संस्मरण-फौजी दर्पण)
“सुरक्षा में चूक” (संस्मरण-फौजी दर्पण)
DrLakshman Jha Parimal
हमारी मंजिल को एक अच्छा सा ख्वाब देंगे हम!
हमारी मंजिल को एक अच्छा सा ख्वाब देंगे हम!
Diwakar Mahto
जिसे रिश्तों की परवाह नहीं वो,,
जिसे रिश्तों की परवाह नहीं वो,,
पूर्वार्थ
तेरी यादें बजती रहती हैं घुंघरूओं की तरह,
तेरी यादें बजती रहती हैं घुंघरूओं की तरह,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
..
..
*प्रणय*
भावना लोगों की कई छोटी बातों में बिगड़ जाती है,
भावना लोगों की कई छोटी बातों में बिगड़ जाती है,
Ajit Kumar "Karn"
आदम का आदमी
आदम का आदमी
आनन्द मिश्र
सर्वनाम
सर्वनाम
Neelam Sharma
स्मृतियाँ
स्मृतियाँ
Dr. Upasana Pandey
जीवन में आप सभी कार्य को पूर्ण कर सकते हैं और समझ भी सकते है
जीवन में आप सभी कार्य को पूर्ण कर सकते हैं और समझ भी सकते है
Ravikesh Jha
जीवन के पल दो चार
जीवन के पल दो चार
Bodhisatva kastooriya
ग़ज़ल सगीर
ग़ज़ल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
*बहुत जरूरी बूढ़ेपन में, प्रियतम साथ तुम्हारा (गीत)*
*बहुत जरूरी बूढ़ेपन में, प्रियतम साथ तुम्हारा (गीत)*
Ravi Prakash
"हमारे शब्द"
Dr. Kishan tandon kranti
अल्फ़ाज़ हमारे”
अल्फ़ाज़ हमारे”
Yogendra Chaturwedi
Loading...