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29 Nov 2020 · 1 min read

आप तो बेवफा निकले

क्या सोचा था और क्या निकले
अजी आप तो बेवफा निकले

बहम की दीवार गिरा दी जाए
शायद यहीं कोई रास्ता निकले

ला इलाज मर्ज बढ़ता जा रहा है
देखो कब तक कोई दवा निकले

मेरी हर आरजू पूरी हो जाएगी
आपके लबों से अगर दुआ निकले

उसकी मुस्कुराहट का सबब न पूछो
हो सकता है वो गमजदा निकले

तुझे देख के बढ़ती है मेरी धड़कने
शायद तुझ से कोई रिश्ता निकले

हमने तो इश्क़ कर है लिया है “अर्श”
अंजाम चाहे अच्छा या बुरा निकले

1 Like · 1 Comment · 288 Views
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